Saturday, September 13, 2008

दिल्ली में पांच जगह बम विस्फोट

अभी तक 20 लोगों के मरने और 70 से अधिक घायल की सूचना. गफ्फार मार्केट, पालिका बाजार, दो जगह ग्रेटर कैलाश में धमाका, गोपाल दास भवन कस्तूरबा मार्ग में धमाका.

पुलिस के अनुसार पहला धमाका गफ्फार मार्केट में 6.15 पर हुआ. जिसमें सात की मौत हो गई है यह बम एक ओटो रिक्शा में रखा हुआ था. इसके बाद में कनाट प्लेस में सेन्ट्रल पार्क में विस्फ़ोट हुआ. कनाट प्लेस में यह ब्लाट डस्टबिन में रखे बमों के द्वारा किये गये. इन धमाकों के बाद ग्रेटर कैलाश के M ब्लाक मार्केट और कस्तूरबा गांधी मार्ग में गोपालदास भवन में विस्फोट हुआ. ग्रेटर कैलाश में हुये धमाके भी डस्टबिनों में रखे बम के जरिये हुई जिसमें दस दुकानों को नुकसान पहुंचा.

गफ्फार मार्केट में हुये विस्फोट की भयंकरता इस बात से जानी जा सकती है कि जिस ओटो में बम रखा हुआ था वह ऊपर उछल कर बिजली के तारों में जा फंसा. ये सारे ब्लास्ट 6.10 से 6.30 के बीच हुये. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ये धमाके कम तीव्रता वाले थे. ये बम आईसी में सिल्वर नाइट्रेट बाध कर किये गये और इनमें टाइमर का भी उपयोग किया गया.



संयुक्त पुलिस आयुक्त अजय कश्यप के अनुसार इंडिया गेट के पास से बम बरामद किया गया है, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है। इसके अलावा रीगल सिनेमा के पास भी एक जिन्दा बम पाया गया जिसे निष्क्रिय कर दिया गया.

गुब्बारे बेचने वाले एक बच्चे ने आतंकियों के चेहरे देखने का दावा किया
दिल्ली के बारहखंभा इलाके में गुब्बारे बेचने वाले एक बच्चे ने आतंकियों के चेहरे देखने का दावा किया है इस बच्चे का नाम राहुल बताया जा रहा है. पुलिस बच्चे को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई है. इस बच्चे ने बताया है कि मूंछ और दाड़ी वाले आतंकी दो थे और काले कपड़े पहने हुये थे. ये आटों में आए थे उन्होने डेस्टबिन में काली पन्नी को रखा और उसके बाद एक बड़ा धमाका हुआ.

दिल्ली में इस घटना के बाद ग्रेटर कैलाश और सरोजनी नगर के बाजार एतियातन बन्द कर दिये गये हैं और दिल्ली मेट्रो ने भी अपनी ट्रेनें सस्पेन्ड कर दीं.

कुछ साल पहले दिवाली से पहले 29 अक्टूबर को सरोजिनी मार्केट, गोविन्दपुरी और पहाड़गंज में कायर आतंकवादियों ने विस्फोट किया था जिसमें 70 जानें गई थी.

धमाकों से पांच मिनट पहले ई-मेल भेजी
बताया जाता है इन धमाकों से पांच मिनट पहले इन्डियन मुजाहिदीन द्वारा मीडिया को ई-मेल द्वारा ये धमाके करने की पूर्व सूचना दे दी गई थी. इस ई-मेल में कहा गया था कि पांच मिनट में दिल्ली में धमाके होने वाले हैं, रोक सको तो रोक लो। हालांकि पुलिस का कहना है कि बिना जांच किए इस धमाके के लिए किसी संगठन को जल्दबाजी में जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसी आतंकवादी संगठन ने 26 जुलाई को अहमदाबाद में हुये विस्फोटों की जिम्मेदारी भी ली थी.




इन्डियन मुजाहिदीन बैन किये गये सिमी की छाया संस्था है, इसने कहा है कि यह उसके आपरेशन BAD का नतीजा है जिसके तहत उसने (B) बैंगलोर, (A) अहमदाबाद, (D)दिल्ली में विस्फोट किये.
स्रोत: NDTV, Indiatimes, Jagaran, Dainik Bhaskar and other agencies.

गुजरात पुलिस ने पहले ही बता दिया था
नरेन्द्र मोदी ने इन विस्फोटों की निंदा करते हुये कहा कि गुजरात पुलिस ने केन्द्र को इन आतंकियों के बारे में पहले ही विस्तार से बता दिया था.


लगभग दो महीने पहले गृहमंत्रालय ने स्पाई नेटवर्क में मुखबिरी को मजबूत बनाने के लिये दो हजार करोड़ मांगे थे लेकिन वित्त मंत्रालय ने मना कर दिया. क्या इस बात से यह जाहिर नहीं होता कि वित्त मंत्रालय इस बात को कितने हल्के से लेता है. यह बात तब है जबकि वित्तमंत्रालय की कर वसूली पिछले सालों में ढाई गुना बढ़ चुकी है.
वैसे हमारे प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह ने इन धमाकों की निंदा करने की रस्म अदायगी भी कर दी है.

2 comments:

Udan Tashtari said...

अफसोसजन..दुखद...निन्दनीय!!

दिवाकर प्रताप सिंह said...

दरअसल देश और यहाँ के बाशिंदे इसी तरह की त्रासदियों को भोगने के लिए अभिशप्त हैं। चरम पर पहुँच चुके भ्रष्टाचार, अय्याशी और क्षेत्रवाद के बीच देश के बारे में सोचने के लिए किसी के पास फुरसत ही नहीं है।